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\v 15 सचमे बे अपनय निकरके गए देशके ताहीं सोचत रहएँ, बिनके घुमके जान मौका मिलन रहय । \v 16 पर बे और उत्तम देश औ एक स्वर्गीय देशको इच्छा करतहयँ। जहेमारे, परमेश्‍वर बिनको परमेश्‍वर होन न शर्मात हय, काहेकी बा बिनके ताहिं एक सहेर तयार करी हए।