thr_heb_text_reg/10/23.txt

1 line
946 B
Plaintext

\v 23 हमर स्वीकार करो आशाके दुईधारमे न हुईके पक्केसे थामे रहएँ, काहेकी प्रतिज्ञा करनबारो परमेश्‍वर विश्‍वासयोग्य हए । \v 24 हम एक दुसरेके प्रेम और अच्छे कामके ताहिं कैसे उत्साहित करएँ बा बात उपर बिचार करएँ । \v 25 कित्तोनके संगतिमे न जानके बानी होतहए, पर हम एक-दुसरेसंग ईकट्ठा होनके न छोणएँ। पर प्रभुको दिन जौने आनके कारन जितनो हुईसकय एक दुसरेनके और जद्धा उत्साह देमयँ।