thr_heb_text_reg/06/07.txt

1 line
732 B
Plaintext

\v 7 काहेकि जमिन अपने उपर जौन बर्सौनीयाँ पानी पितहए, जोमे लगातार पानी पडत हय और जमिनमे काम करन बारेनके ताहिँ मन पणनबारो अन्न-बाली फरात हए, बा जमिन परमेश्‍वरसे आशीष पातहए । \v 8 पर यदि बा काँटो और सिउँडी फराय हय तव, बा बेकामको होतहए, और परमेश्‍वरको सराप पड सक्तहएऔर अन्तमे बाके जलाव जयहए।