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\v 12 भैयओ, होश करओ, तुम मैसे कोइमे भव दुष्ट और अविश्‍वासी ह्रदय तुमके जिन्दा परमेश्‍वरसे दुर न लैजाबए । \v 13 पर, जबतक "आजके दिन" कहानबारी बात हए, तब तक एक दुसरेनके उत्साह देओ। जहेमारे, तुमर मइसे कोइको फिर छलकपटको पापसे ह्रदय कठोर न होबए।"