thr_heb_text_reg/01/04.txt

1 line
639 B
Plaintext

\v 4 जैसी बाके पावभव नाउँ स्वर्गदुतसे अच्छो हए, उइसी बा बिनसे बहुत अच्छो ठहिरो हए । \v 5 का परमेश्‍वर स्वर्गदुतन मैसे कोईके कबहु आइसो कहिहय और ? "तुम मेरे पुत्र हौ, मए आज तुमर पिता भओं हौं ?" और फिर, “मए ऊनके ताहीं पिता हुइहौं और बे मिर ताहीं पुत्र हुइहँए ?"