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\v 9 जा से जद्बा हमके अनुशासन करनबारो हमर शारीरिक दौवा अनुशासनकर्ताको रुपमे रहए, जौनके हम आदर करे। जहेमारे, का हम हमर आत्माको पिताके और जद्धा आज्ञा पालन न करन चहिय का ? \v 10 काहेकी एकघेन, हमर दौवा कुछदिन तक हमके अनुशासनमे धरीं जौन आइसो करन बिनके ठीक लागो। पर दुसरो घेन, हम बाको पवित्रताके बाँटन सिकएँ कहिके परमेश्‍वर हमर भलाईके ताहिं अइसो करत हय। \v 11 जा समयमे कोइ भी अनुशासन आनन्दको न होत हय, पर दु:खय होतहए, तब भी जो होयसे फिर जाके द्वारा तालिम पाए भएनके ताहिं अन्तमे जायके जासे धार्मिकताको शान्तिसे भरो ईनाम मिलतहए।