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\v 1 अब विश्वास त आशा धरो बातको पक्को और अभेतक न देखो बातको मजबुत भरोसा हए । \v 2 काहेकी हमर पुर्खा बिनको विश्वासके ताहीं आइसे ही प्रमाणित भय रहए । \v 3 विश्वाससे हम समझत हएँ, कि सबय संसार परमेश्वरको आज्ञाद्वारा सृष्टि भव रहय। जहेमारे, जो दिखत हए बे दिखनबारी बातनसे न बनो हय। |