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\v 3 काहेकी हम विश्‍वास करनबारे त बा बिश्राममे हम घुसङ्गे, जौन बा कहिहए, जहेमारे मय अपनो क्रोधसे अइसे कसम खाओ, 'मिर विश्राममे बे कबहू घुसन न पामंगे।” यहाँतक बाको काम संसारके उत्पत्तिसे पुरा हुइगव रहए । \v 4 काहेकी बा और कोइ ठाउँमे सातौं दिनके बारेमे जा हानी कहिहए, “परमेश्‍वर सब कामसे सातौं दिनमे विश्राम लै ।" \v 5 और फिर अइसे खण्डमे बा कहिहए, "मिर विश्राममे बे कबहू न घुसेहएँ।"