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\v 5 हम बात करत आए बा आनबारो संसारके परमेश्‍वर स्वर्गदुतके अधीनमे न धरी । \v 6 धर्मशास्त्रको कोइ एक ठाउँमे अइसो करके गवाही दै हए, “आदमी का हए, और तुम बाको वास्ता करत हौ ? औ आदमीको लौणा कौन हए जौनके ताहीं तुम चिन्ता करत हौ ?